वित्तिय वर्ष 2024-25 का पहले छह माह का लेखा जोखा: चंडीगढ़ प्रशासन को 240 करोड़ के राजस्व का नुकसान
- By Vinod --
- Tuesday, 05 Nov, 2024
Account of the first six months of the financial year 2024-25
Account of the first six months of the financial year 2024-25- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ को वित्तिय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के दौरान 240 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस वित्तीय वर्ष में 6,112 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया था। पहले छह महीनों में 1 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर, 2024 तक प्रशासन केवल 2,815.94 करोड़ (लक्ष्य का 46.07 प्रतिशत) एकत्र करने में कामयाब रहा है। अगर वित्तिय वर्ष 2023 की इसी अवधि को देखें तो यह 1.48 की कमी दर्शाता है। इस दौरान 5,918.93 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 2,815.04 करोड़ एकत्र किए गए थे।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में यूटी प्रशासन को 240 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ। यह तब है जब नगर निगम के वित्तीय संकट के कारण शहर में पहले से ही विकास और रखरखाव कार्यों में लगातार कमी देखी जा रही है। पूंजीगत व्यय, जिसमें विकास परियोजनाओं और परिसंपत्ति निर्माण के लिए निर्दिष्ट धनराशि शामिल है, को भी कम कर दिया गया है। वर्ष 2023 में 722 करोड़ से घटकर 2024 में यह 655 करोड़ हो गया है। जबकि यूटी प्रशासन ने इस वित्तीय वर्ष में 6,112 करोड़ का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया था।
यूटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्व में गिरावट के कारणों में पंजाब में अधिक प्रतिस्पर्धी उत्पाद शुल्क नीति और व्यवसायों को मोहाली और पंचकूला जैसे पड़ोसी शहरों में स्थानांतरित करना शामिल है, जिसने जीएसटी और बिक्री कर राजस्व को प्रभावित किया है। अधिकारी के अनुसार, इसके अतिरिक्त, विरासत क्षेत्रों (सेक्टर 1 से 30) में संपत्ति की फ्लोर-वाइज बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के कारण स्टांप शुल्क से राजस्व में गिरावट आई है।
सीएजी रिपोर्ट में हुआ कई चीजों का खुलासा
सीएजी रिपोर्ट से यह भी पता चला कि यूटी का प्राथमिक घाटा, यानि चालू वर्ष के राजकोषीय घाटे और पहले के उधार पर ब्याज भुगतान के बीच का अंतर, 2023 में इसी अवधि के दौरान 894 करोड़ से बढक़र इस बार 931 करोड़ हो गया है। यह घाटा काफी हद तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), बिक्री कर और उत्पाद शुल्क से उम्मीद से कम राजस्व के कारण है, जो यूटी के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है। यूटी के खर्चों में भी मंदी देखी गई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान व्यय 3,493.83 करोड़ (कुल बजट 5,858.62 करोड़ का 59.04 प्रतिशत) के मुकाबले 3,528.85 करोड़ (कुल बजट 5,636.71 करोड़ का 62.6 प्रतिशत) हो गया।
पूंजीगत व्यय, जिसमें विकास परियोजनाओं और परिसंपत्ति निर्माण के लिए निर्दिष्ट धनराशि शामिल है, भी कम हो गई। यह वर्ष 2023 में 722 करोड़ से घटकर 2024 में 655 करोड़ हो गई है। इससे पता चलता है कि यूटी ने इस वर्ष बुनियादी ढांचे के विकास पर अपनी पूंजी सीमित कर दी है। सेकेंड इनिंग्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग ने कहा कि मैंने वित्तीय विवेक की आवश्यकता को बार-बार उठाया है, लेकिन प्रशासन अपने वित्त को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में विफल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक धन की हानि हुई है। उन्होंने कहा कि यूटी को पूंजी को आकर्षित करने और शहर के भीतर व्यापार और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बेहतर नीतियां पेश करनी चाहिए। यूटी प्रशासक को वर्तमान प्रथाओं की अधिक बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और इन मुद्दों के समाधान के लिए वित्तीय विशेषज्ञों के साथ एक बैठक बुलानी चाहिए।